Thursday, May 26, 2016

वृक्ष लगाएं वृक्ष बचाएं

कृपया ध्यान दें:-
–––––
सभी मनोकामना पूर्ण हेतु, ग्रह बाधा से मुक्ति, रोग निवारण, धनलाभ, सुख-समृद्धि, शांति हेतु  खुले स्थान पर एक वृक्ष लगाएं। और तब तक सिंचित करें जब तक उसमे नए पत्ते फूल फल इत्यादि आ जाएं। शीघ्र ही शुभ फल की प्राप्ति होगी।
पानी देते वक़्त "ॐ वनस्पतये नम:" का 11 बार उच्चारण करें।
सूर्य ,चंद्र ,पृथ्वी ,जल ,अग्नि और वनस्पति संसार के प्रत्यक्ष देवी देवता हैं।

नोट:-  मुझे पता है ये अन्धविश्वास जैसा लग रहा होगा। पर मुझे ये भी पता है कि हिंदुस्तान में बिना धार्मिक पाखण्ड के कोई नेक काम नहीं होते।
Plant trees, Save trees, save earth, save water, save life, etc बोलते बोलते सरकार थक जायेगी। हम और आप सिर्फ टालते रहेंगे। आस्था और धर्म हमसे बड़े से बड़ा काम कराती है। एक वृक्ष लगाना कोई मुश्किल काम नहीं।
अन्यथा न लें और एक वृक्ष लगा कर प्रकृति को बचाएं।
धन्यवाद्।
-रश्मि

Wednesday, May 25, 2016

डॉक्टरी पेशे का बाज़ारवाद

आप डॉक्टर के पास जाते हैं, दिखाते हैं, वापसी में तुरंत आपको रिसेप्शन से एक फॉर्म भरना मैंडेटरी हो जाता है। ये फॉर्म होता है फीडबैक का जिसमे डॉक्टर अपने लिए रेटिंग की डिमांड करते हैं। पहले हॉस्पिटल्स में लेते रहे हैं फीडबैक। पर अब प्राइवेट क्लिनिक में भी।
कोई डॉक्टर से यूँ ही गपशप के लिए मिलने नहीं जाता। सभी तक़लीफ़ में जाते हैं, और इतना वेट करने के बाद डॉक्टर से मिल कर पेशेंट जल्द घर पहुचना चाहता है।
सिर्फ वहीँ फीडबैक नहीं देना, बाद में कई दिनों तक SMS और मेल से आपको सन्देश भेजा जाता है। मुझे इसके पीछे की स्ट्रेटेजी समझ नहीं आई। प्लीज़ दोस्तों शंका समाधान करें।
-फीडबैक फॉर्म ज़रूरी किसलिए है?
- जिस तरह फीडबैक के लिए मेल मेसेज आते रहते हैं, क्या डॉक्टर उसी ज़रिये अपने मरीज़ का हाल नहीं पूछ सकते?
-या  फीडबैक फॉर्म क्लीनिक में भरवा लो या फिर मेसेज के लिए रखो
- फीडबैक लेकर क्या डॉक्टर्स अपनी पॉपुलैरिटी चाहते हैं या अन्य मरीजों की हेल्प करना चाहते हैं?
-फ़ॉर्म में एक और कॉलम देखा, कि क्या आप उक्त डॉक्टर को अन्य को रेफर करना चाहेंगे? और क्यों?
(ये नहीं लिखा था के रेफर नहीं करना चाहेंगे तो क्यों)

कोई इंटेंशन या रोष से नहीं लिखा है। मुझे डॉक्टर्स जीवन दाता लगते हैं। सबसे नोबल जॉब मुझे यही लगता है। और सबसे कठिन पढाई और संघर्ष डॉक्टर ही करते हैं। समाज सेवा लोक सेवा का सॉलिड example डॉक्टर के अलावे मुझे नही नज़र आता। इसलिए लोग धरती का ईश्वर कहते हैं इन्हें। मेरा सलाम उन तमाम डॉक्टर्स को जिन्होंने कई कई बार मुझे नया जीवन दिया है। सलाम उन सभी डॉक्टर्स को जिन्होंने किसी न किसी को साँसे दी है, और स्वस्थ किया है!
लेकिन....
फीडबैक फॉर्म भरने के क्रम में एक बुज़ुर्ग की हालत नाज़ुक देखी। 45 मिनट उनके बेटे ने उन्हें कुर्सी पे बिठा कर क्लिनिक की फॉर्मेलिटी पूरी करने में निकाला। पहले से बीमारी तो थी ही आराम के बजाय इतनी देर भीड़ में बैठने के कारण संभाल न पाए और बेहोश हो गए। प्रॉब्लम क्या है बाद में पता चलेगा।
-इस फील्ड में क्या व्यवसायीकरण ज़रूरी है..?
- है तो, किस हद तक होना चाहिए ताकि मरीज़ और डॉक्टर्स दोनों को सहूलियत हो।

Monday, May 16, 2016

प्रेम #2

बड़ी उम्र में प्रेम हो या चेचक, दोनों खतरनाक माने जाते हैं।

प्रेम #1

प्रेम: दो दिमाग, बिना किसी विचार के!

Tuesday, May 10, 2016

धरती और स्त्री

धरती भी स्त्री की तरह है, ऊब प्रेम से सींची जाती है तो हर तरफ बहारें बिखेरती है, जब प्रेम का मेघ नहीं बरसता तब वह बंजर ज़मीन पर नागफनी बिखेरती है....

मित्रता और उम्र

दो लोगों में यदि वैचारिक समानता हो और सोच व्यापक हो तो अच्छी मित्रता की संभावना होती है। चाहे उम्र कोई भी हो, उम्र तो एक शारीरिक अवस्था की गिनती मात्र है और मित्रता उम्र की मोहताज नहीं होती।

वक़्त

वक़्त हर वक़्त को बदल देता है बस वक़्त को थोडा वक़्त देना।

मदर्स डे

सन्डे को मदर्स डे स्पेशल गिफ्ट्स, बुके, लंच, डिनर, फेसबुक पोस्ट्स, वॉट्सएप्प स्टेट्स आदि दिखावटी ताम झाम के अलावे क्या किसी ने अपने दुश्मनों को 'माँ की गाली' न देने का प्रण लिया??
–––––
***सही मायनों में मदर्स डे तभी सार्थक है जब लोग आपसी झगड़ों में एक दूसरे की माँ को शब्दों से क्षत विक्षत न करें***