एक स्वप्न गिरता है
निद्रा की गोद से
यथार्थ के फर्श पर
चकनाचूर हो जाता है...
Thursday, June 30, 2016
Wednesday, June 22, 2016
Thursday, June 9, 2016
मेरे सपने गुलाबी....
जब मैंने गुलाबी सूट पहना था तो तुम्हे शहर की सारी लडकियां गुलाबी सूट में ही नज़र आयीं , आसमान का रंग भी तुम्हें गुलाबी लगने लगा. यहाँ तक की तुम्हें पार्क के सारे रंगबिरंगे फूल भी गुलाबी दिखने लगे....... याद है वो दिन?
Return gift
हम क्या हैं , कैसे हैं और क्यों हैं....ये उपरवाले की तरफ से हमे दिया गया उपहार है ।
इसके बाद हम क्या बनते हैं, कैसे बनते हैं और क्यूँ बनते हैं, ये उपरवाले को हमारी तरफ से दिया गया return गिफ्ट होता है...।
...ज़िन्दगी का भरोसा नहीं, देखिएगा कहीं ईश्वर अपना return गिफ्ट का पैकेट खोल कर निराश न हो...!
Thursday, June 2, 2016
अयप्पा स्वामी
आप जानते हैं भगवन शिव और विष्णु के पुत्र को? चौंक गए ना? हाँ हम भी ऐसे ही चौंके थे जब ये सुना ... बात ये है कि विष्णु ने जब मोहिनी का रूप धरा था तो शिव जी ने इनका वरण किया.. इनकी एक संतान भी हुई "अयप्पा स्वामी".. इन्हें हम हरी-हर पुत्र भी कहते हैं...!
हाँ... सिर्फ कुंती ने ही अपनी संतान कर्ण को प्रवाहित नहीं किया था... इन्होने भी( शिव जी- विष्णु जी) अपनी संतान अयप्पा को नदी में प्रवाहित कर दिया... ! राजशेखर नामक राजा को ये संतान मिली... जिनका पालनपोषण अपने पुत्र की तरह किया.. बाद में इनकी भी एक संतान हुई थी...! जब राजशेखर को अयप्पा मिले थे तब इनके गले में दिव्य मणि थी जिनकी वजह से इनका एक नाम "मणि-कंटन" भी है...!
शास्त्र- शस्त्र में पारंगत अयप्पा अपनी माता को प्रिये ना थे... राजतिलक के समय रानी ने इनके कठिन काम यानी शेरनी का दूध लाने हेतु वन में भेज दिया ताकि इनके पुत्र को राज मिले... (अकेली कैकेयी ही ना थीं ऐसी....) जहाँ उन्होंने महिषासुर कि बहन महिषी का वध किया और शिव कृपा से शेरनी का दुग्ध ला सौंप दिया.. छल की बात पता चलने से महल छोड़ वन में चले गए...!
राजशेखर के बुलाने पर भी वापिस ना आये... और स्वर्ग कि और रुख किया...
उनके नाम एक मंदिर का निर्माण हुआ केरेला के सबरीमाल में . जहाँ मूर्ती कि स्थापना स्वयं परशुराम ने किया.. सबरीमाल आज दक्षिण के प्रसिद्द तीर्थों में है...!
इन सब बातों में मज़े कि बात.. हम प्राय: अयप्पा स्वामी के मंदिर में जाते रहे हैं पिछले पांच वर्षों से.. और स्टोरी आज पता चली.. कि अयप्पा स्वामी कौन थे...!