Monday, September 5, 2016

टीचर्स डे

टीचर्स डे पर मैं ज़रा पीछे जाकर अपने पहले टीचर का एक्सपीरियंस बताती हूँ। जो शायद मैं कभी भूल न पाऊं।
उन दिनों मेरे एडमिशन की तैयारी चल रही थी, मेरी उम्र तीन से थोड़ी कम थी....।
जॉइंट फॅमिली में अन्य बच्चों को पढ़ाने मास्टर साब आते थे। उनसे यही रिक्वेस्ट की गयी थी कि मुझे स्कूल के जेनेरल मैनर्स और अल्फाबेट्स आदि सिखा दिए जाएँ, हफ्ते भर बाद स्कूल शुरू करना था। सो मास्साब ने अंग्रेजी की छोटी छोटी चीज़ें और 'रिक्वेस्ट मेकिंग' आदि सिखाईं।
उस दिन भी मास्टर साब बुआ को अंग्रेज़ी पढ़ा रहे थे, उनका एग्जाम था सो मेरे ऊपर ध्यान कम था। मैं बोर होकर उनसे बोली, 'सर में आई गो टू ड्रिंक वाटर...'?
किताब में ही सिर झुकाए मास्साब ने कहा, " गो, बट कम सून..."
"गो" तो मेरी समझ में आ गया पर "कम सून" पल्ले नहीं पड़ा।
मैने घर में सुना था के मास्साब को हियरिंग प्रॉब्लम है, तो मैंने ' कम सून' का मतलब यही निकाला, कि सर कम सुनते हैं इसलिए उन्होंने मुझे दुबारा कहने को कहा है।
मन ही मन मैंने उनकी प्रॉब्लम को समझ कर वहीँ कुर्सी पे खड़ी हुई और अपना मुंह उनकी कान में ले जाकर चिल्लाई, ' पानी पीने जाएँ, सर...'
इसके बाद मास्साब ने मेरी गर्दन पकड़ के इतने झापड़ दिए कि उसके झन्नाटे अब तक महसूस करती हूँ।

-मास्साब कई साल पहले हार्ट अटैक से गुज़र चुके, फिर भी वो कहीं न कहीं ब्रह्माण्ड में होंगे ही....  उनको नमन और हैप्पी टीचर्स डे सर....!💐

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