"भारत मे हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है..." जी हाँ ऐसा एक विज्ञापन मे आमिर खान कहते हैं.
हम एक ऐसे युग से गुजर रहे हैं, जहां बड़ी-बड़ी समस्याएं ग्लैमर की चकाचौंध में छिप जाती हैं। जैसे कुपोषण। हम जब जीडीपी ग्रोथ की बात करते हैं, तब यह भूल जाते हैं कि जिन बच्चों पर देश का भविष्य टिका है, अगर उनकी प्रॉडक्टिविटी ही कम रहेगी, तो यह एक बड़ी समस्या है। और कड़वा सच यह है कि आज देश का हर दूसरा बच्चा इससे ग्रस्त है।
हम्म ....ये हो गयी भाषणबाजी टाइप बात. इसी बात पे एक मजेदार बात कहती हूँ आपसे| मेरे हसबंड की कजिन आठ वर्षीय प्यारी सी समृद्धी ने अचानक एक दिन मुझसे कहा, 'भाभी , मैं कुपोषण की शिकार हूँ, और लोग मुझ पर ध्यान नहीं देते.."
मैं बोली, "किसने कहा तुमसे...?"
उसने कहा , "टी. वी. नहीं देखते.. आमिर खान कहता है कि हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है.. और मैं दूसरी बेटी हूँ "
जी हाँ, वो दूसरी संतान है अपने माँ-बाप की. और उसने ऐसे ही इस विज्ञापन का अर्थ लगाया.
मैंने कई तरह से समझाने की कोशिश की. पर वह कहती रह गयी, 'नहीं.. नहीं.. नहीं.. आप सब मुझे बहलाने की कोशिश करते हैं बस्स.....'
खूब हंसी आई थी उसकी मासूमियत पर.... :) :)
मुझ बताइए कैसे उसे समझाया जाए...?
- कुपोषण, भारत छोड़ो का नारा हम बाद मे लगा लेंगे... !