चुप्पी, केवल शब्दों में नहीं, विचारों में भी ज़रूरी है...|
बाहर से शांत और भीतर 'जलते' रहने से कुछ भी हासिल नहीं....
'मौन' , अर्थात मौखिक और वैचारिक शांति.......!
बाहर से शांत और भीतर 'जलते' रहने से कुछ भी हासिल नहीं....
'मौन' , अर्थात मौखिक और वैचारिक शांति.......!
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