मैं - कौन कहता है मैं बोलती बहोत हूँ? मैं तो बस लफ़्ज़ों के दीवार बनाती हूँ के तुम मुझ तक न पंहुच सको....!
वो- कौन कहता है के तुम बोल कर लफ़्ज़ों के दीवार बनाती हो? तुम बोलते हुए कई दीवारों में दरवाज़े खोल जाती हो....!
No comments:
Post a Comment