Sunday, December 11, 2016

लफ़्ज़ों के दीवार

मैं - कौन कहता है मैं बोलती बहोत हूँ? मैं तो बस लफ़्ज़ों के दीवार बनाती हूँ के तुम मुझ तक न पंहुच सको....!

वो- कौन कहता है के तुम बोल कर लफ़्ज़ों के दीवार बनाती हो? तुम बोलते हुए कई दीवारों में दरवाज़े खोल जाती हो....!

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