Monday, January 15, 2018

नाम में क्या रखा है...!

नाम में क्या रखा है...?
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कई नाम समय सापेक्ष होते हैं अस्थाई। आगे चल कर बस ध्वस्त हो जाते हैं साहेब,  जैसे "सुंदरी.... मोहिनी,  शोभा, गुडिया, बेबी, डौली, सुन्दर,  मोहन, गुड्डू, सोनू आदि..।" ये सब नाम ऐसे ही श्रेणी में आते हैं, बस ज़ुबान पर चढ जाते हैं अपनी पूरी निरर्थकता के बावजूद। एक समय के बाद जब नाम वालियां/वाले  सूखने लगती हैं किसी बगिया की तरह, फिर ना मेक-अप मदद करता है ना फैशन। पहले  त्वचा मुरझाती है, फिर आँखे, फिर बाल, अंत में एक एक अवयव सिकुड कर कूच करता जाता है। फिर इस बुढापे में ना आप मोहिनी रहेंगे ना मोहित, ना गुडिया, ना गुड्डू।

फिर भी नाम में क्या रखा है....!

" हमने तो शादी भी कर डाली साहेब नाम के चक्कर में। नाम ही पसंद आ गया कि बिना देखे-सुने-गुने पढ़ाई लिखाई छोड़ ब्याह  ही कर लिया....।"😊

फिर भी..... नाम मे क्या रखा है!
अरे....
-नाम क्या है...?
-यही ज़ालिम तो सबकुछ है....!!

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