"रब दा की पाना....
एथों पुटिया ते एथे लाना...."
- बुल्लेशाह.
(परमात्मा को क्या पाना है? यहीं से उखाडना है यहीं लगाना है. मतलब, यहीं बैठा है यहीं लाना... रब नहीं खोया कहीं बस उसकी याद खो गयी है...इक बूँद की पहचान हो तो सब सागर की पहचान हो जाए.
क्या दुनिया...? क्या भीड़-भाड़..? बस प्यासों की कतारों पर कतारें....... यह संसार!!
अब झांको खुद में....)
एथों पुटिया ते एथे लाना...."
- बुल्लेशाह.
(परमात्मा को क्या पाना है? यहीं से उखाडना है यहीं लगाना है. मतलब, यहीं बैठा है यहीं लाना... रब नहीं खोया कहीं बस उसकी याद खो गयी है...इक बूँद की पहचान हो तो सब सागर की पहचान हो जाए.
क्या दुनिया...? क्या भीड़-भाड़..? बस प्यासों की कतारों पर कतारें....... यह संसार!!
अब झांको खुद में....)
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