Monday, February 8, 2016

देशभक्ति

देशभक्ति, देशप्रेम, सहिष्णुता, धर्म निरपेक्षता आदि भाई चारे और इंसानियत के अंदर सिमटा हुआ है। हमारे हरकतें, हाव भाव, कर्म , हमारे भारतीय होने का सबूत देते हैं न कि देशभक्ति और सहिष्णुता को लेकर सोशल मीडिया पर काग- उचार करने से। कोई आपके दिनचर्या और दिल में झाँकने नहीं आता कि वास्तव में कितनी देशभक्ति आपके अंदर जज़्ब है।
एयर कंडीशन ऑफिस और घर के अंदर बैठ कर फेसबुक स्टेटस अपलोड कर और ट्वीटर में 140 अक्षरों के ज़हरीले बाण चला कर खुद को वीर और देशभक्त कहने का अवसर कोई नहीं चूकना चाहता।
जबान सेवा से कुछ नहीं होता, दिल से दिमाग से देश सेवा ज़रूरी है।
वाक़ई देशभक्त हैं तो पॉलिटिकल परजीवियों की बिछायी बारूदी सुरंग से हमे निकलना होगा। पॉलिटिक्स के तवे से उतरी जाली रोटियों के स्वाद चखने के बाद भी हमारी आँख न खुले तो खुद पे शर्म आनी चाहिए।

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