महिलाओं के लिए
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अपने व्यस्त जीवन की भागदौड़ से एक दिन का वक़्त उस महिला के लिए निकालिये जो आपको एकदम पसंद न करती हो या जिसे आप पसंद न करती हों। ज़रा सा झुक कर देखिये और शांतचित्त सोचिये। हो सकता है उस महिला की कोई मजबूरी हो या समझने में कोई भूल कि रिश्ते बिगड़ गए हों। आप उसके स्थान पर खुद को नहीं रख सकतीं।
एक औरत हर दिन हर लम्हा कितने मोर्चों पर लड़ती है और कितने संघर्ष करती है, कभी रिश्तों में, कभी परिवार में, कभी समाज में, इस बात को एक औरत ही समझ सकती है।
एक बार कदम बढ़ा के देखिये, रूठे को मना के देखिये। यकीनन आपको अच्छा लगेगा।
और अच्छाई रूह की वो खुशबू होती है जो दिल दिमाग और जिस्म पर छायी रहती है।
Wednesday, March 16, 2016
महिलाएं
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