Thursday, January 5, 2017

प्रोपोज़

यार , प्रपोज न करने का एक अपना मज़ा है......। सुन, मैं उन में से नहीं  जो इस बात का इंतज़ार करें की प्रपोज़ करना सिर्फ लड़कों की ड्यूटी है।
देखो, जिस दिन मैं प्रपोज करुँगी न उस दिन फूलों की बारिश होगी , झरने गायेंगे , हवा नाचेगी और मेरे लम्बे बालों में मेरा और मेरे महबूब का चेहरा छिपा होगा। बैक ग्राउंड में एक रोमांटिक ओल्ड सौंग बजेगा. ..

"आजा सनम मधुर चांदनी में हम-तुम मिले तो वीराने में भी आ जायेगी बहार
झूमने लगेगा आसमान . ..."

No comments:

Post a Comment