मुझे लौटा दो मेरा वो चेहरा खोया हुआ....
होठ रख मैं उन होंठों पे सो जाउंगी
जिनको चूमे हुए बरसो बीत गए!
रूह में सुर्खिये- लब घुल के उतर जायेगी
सुबह अनफास के निकहत में बस जायेगी
पांव उठेंगे उसी शहर की जानिब
कि जहाँ मेरे दिल ने धडकना सीखा था...!
लौटा दो,
इसके पहले कि मिले वक्त को हुक्मे-रफ़्तार...
लौटा दो वो मेरा चेहरा खोया हुआ .....!
होठ रख मैं उन होंठों पे सो जाउंगी
जिनको चूमे हुए बरसो बीत गए!
रूह में सुर्खिये- लब घुल के उतर जायेगी
सुबह अनफास के निकहत में बस जायेगी
पांव उठेंगे उसी शहर की जानिब
कि जहाँ मेरे दिल ने धडकना सीखा था...!
लौटा दो,
इसके पहले कि मिले वक्त को हुक्मे-रफ़्तार...
लौटा दो वो मेरा चेहरा खोया हुआ .....!
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