माँ से पिट कर आई उस लड़की के चेहरे पर
दर्द का नामोनिशान ना देखा मैंने..
हांफती हुई वह कह रही थी,
" दीदी ..दीदी.. मेरी माँ तो पूरी पागल है
मुझे पीटते वक्त जो उसका 'झोंटा' खुल जाता है ना,
तो एकदम चुड़ैलों जैसी लगती है- साक्षात!
-पिट रही हूँ इस बात का ध्यान भी नहीं होता.."
वह रोज ही माँ से पिट कर आती...
बकौल उसके, उसकी माँ को उससे बैर है...|
जानते हैं क्यूँ.......?
-क्यूंकि जब वो पैदा हुई थी , उसके आगे वाला भाई
हैजे से मर गया था..
जिसके हिसाब से यह इसके अशुभ पदार्पण की छाया थी...|
दर्द का नामोनिशान ना देखा मैंने..
हांफती हुई वह कह रही थी,
" दीदी ..दीदी.. मेरी माँ तो पूरी पागल है
मुझे पीटते वक्त जो उसका 'झोंटा' खुल जाता है ना,
तो एकदम चुड़ैलों जैसी लगती है- साक्षात!
-पिट रही हूँ इस बात का ध्यान भी नहीं होता.."
वह रोज ही माँ से पिट कर आती...
बकौल उसके, उसकी माँ को उससे बैर है...|
जानते हैं क्यूँ.......?
-क्यूंकि जब वो पैदा हुई थी , उसके आगे वाला भाई
हैजे से मर गया था..
जिसके हिसाब से यह इसके अशुभ पदार्पण की छाया थी...|
No comments:
Post a Comment