.... किन्तु जब अन्यायी सजा से बच जाता है,
तो वह घूम घूम कर तुम्हारी सत्ता को
स्थापित करता है.....!
... और निर्दोष तुम्हारे नाम पर कभी...
तुम्हे ही पुकारते फांसी चढ जाता है...
.....तुम जो आते नहीं...!
हाँ, मरने वाले से तुम्हे क्या मिलेगा,
....जिंदा रहनेवाला, तुम्हारा नाम जो चलाता है...!!!!
तो वह घूम घूम कर तुम्हारी सत्ता को
स्थापित करता है.....!
... और निर्दोष तुम्हारे नाम पर कभी...
तुम्हे ही पुकारते फांसी चढ जाता है...
.....तुम जो आते नहीं...!
हाँ, मरने वाले से तुम्हे क्या मिलेगा,
....जिंदा रहनेवाला, तुम्हारा नाम जो चलाता है...!!!!
AAJ KAL KUCH LIKH NAHI RAHE HAI SWATHYA TO THEEK HAI AAPKA.SAMAY 2 PAR APNI PRESENT LAGATE RAHA KIJIYE.
ReplyDeleteTUM GYAN KA SAGAR HO
TERI EK BOOND KE PYASE HUM