Friday, November 4, 2016

दशहरा

नमस्कार दोस्तों,
आपकी मर्ज़ी आप दशहरा कैसे भी मनाएं.... राम- राम करें या जय दुर्गे... या रावण के गुणों की बखान.... पर उत्सव को उत्सव रहने दें।
ज्ञान के अखाड़े तो रोज़ ही खुले हैं... कुश्तियां होती रहेंगी।

मैं इस बार सेलिब्रेट नही कर रही.... दोनों पैर में चोट है भयंकर वाले दर्द के साथ 😢😢 .. डांडिया, गरबा, दौड़भाग सब ठप्प। तकलीफें हम फॅमिली -फ्रेंड्स और उत्सवों के बीच भूल जाते हैं.... दर्द के साथ स्पेशल भी फील होता है जब कोई केअर करता है। थैंक्यू सबको  साथ बने रहने के लिए 😊😊!  लेकिन.....
मज़ेदार बात ये के मैंने एक दोस्त को अपनी स्थिति बताई तो उसने बजाए हाल चाल पूछने या ' टेक केअर' टाइप बात कहने के उसने तो बात करनी और रिप्लाई करना ही छोड़ दिया। जैसे मैं उसे बुला कर घर के काम करवाउंगी या उसके दोनों पैर मांग लूँगी... 😂😂😂 । ऐसा भी होता है.... थैंकयू उसको भी मुझे बहुत कुछ सिखाने के लिए।

बस यही है अपने अंदर की हार- जीत.... खुद ही फील करना है आप हारे या विजयी हुए..... इतना ही विजयदशमी सार्थक है।

उम्म्म... देखिये बकवास में फिर विश करना भूल गयी...
हैप्पी वाला दशहरा आप सब को... सुख शांति, समृद्धि से भरपूर हो हर दिन... 😊😊😊😊👍👍💐💐

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