Monday, February 6, 2012

बीते वक्त में जा कर जब यादों के धागे उलझते हैं, तब बहुत सी बातें जेहन में उतरती हैं...!
अल्हड मन रिश्तों के फलसफे समझने की कोशिश में है..!!.एक तरफ जीवन मृत्यु के जुड़े मसले.. दूसरी तरफ तुम्हारी यादें..और मेरे ख्वाब!!
रेत की तरह फिसल रही मेरे खवाबों की ताबीर...!! दिल कहता है एक बार जी ही लूँ इन लम्हों को... शायद वक्त मिले न मिले...!
खुदा ने चाहा तो बदल ही देगा मेरी तकदीर!!!!

No comments:

Post a Comment