Sunday, February 19, 2012

जैसे रोज़ नज़र आये वैसे नहीं हैं हम,
जैसे तुमने देखा वैसे भी नहीं हैं हम...!
कुछ तो छिपाया है हमने भी खुद से,
है तुम्हे पता भी कि कैसे हैं हम........?

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