बड़ी प्रतीक्षा की होगी तुमने, शहनाई बजती होगी... द्वार पे अतिथि आये होंगे.. सहेलियों ने सजाया होगा तुम्हे!...
..फिर नहीं आया दूल्हा... न आवाज़ आयीं घोड़े की टापों की... फिर खबर आई कि भाग गया है दूल्हा.. लापता हो गया!! तो तेरे तो सारे सपने धुल धूसरित हो गए होंगे... अहंकार को चोट लगी होगी!!!! बहुत दर्द हुआ होगा.. है न..?. लेकिन.....??
... लेकिन....दर्द से ही कोई जागता है.. पीड़ा चुनौती बनती है!!
इसे एक अवसर समझो एक नयी यात्रा का... एक नए सृजन का ... !!!
कसम लो कि हो गयी बात! एक खेल से छुटकारा मिला! समय रहते तुम बच गए...
नाचो क्यूंकि वह समय लापता हो गया है.. बाद में ऐसे व्यक्ति के साथ रहने में पछतावा ही होता...!!
मत लेना सांत्वना किसी की... सांत्वना लेना और देना...सिर्फ मरहम पट्टी है.... भरोसा रखो सर्जरी में..!!!!
..फिर नहीं आया दूल्हा... न आवाज़ आयीं घोड़े की टापों की... फिर खबर आई कि भाग गया है दूल्हा.. लापता हो गया!! तो तेरे तो सारे सपने धुल धूसरित हो गए होंगे... अहंकार को चोट लगी होगी!!!! बहुत दर्द हुआ होगा.. है न..?. लेकिन.....??
... लेकिन....दर्द से ही कोई जागता है.. पीड़ा चुनौती बनती है!!
इसे एक अवसर समझो एक नयी यात्रा का... एक नए सृजन का ... !!!
कसम लो कि हो गयी बात! एक खेल से छुटकारा मिला! समय रहते तुम बच गए...
नाचो क्यूंकि वह समय लापता हो गया है.. बाद में ऐसे व्यक्ति के साथ रहने में पछतावा ही होता...!!
मत लेना सांत्वना किसी की... सांत्वना लेना और देना...सिर्फ मरहम पट्टी है.... भरोसा रखो सर्जरी में..!!!!
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