Tuesday, December 13, 2011

एक दिन कृष्ण ने राधा के नथ (नाक की मोती) से पूछा :-

'ओ री मोती सीप की तू कौन तपस्या कीन,
सुबरन के ढिग बैठ के.. अधरन को रस लीन'!

(सीप के मोती तुने ऐसी कौन सी तपस्या की है जो सोने के साथ मिल के राधा के अधरों का रसपान कर रहा)

इसपे मोती ने कहा...

"छेड़ छिदो परहित कियों, तजि कुटुंब की लाज...
ओते दुःख मैंने सहे इन अधरन के काज!!"

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