Tuesday, January 10, 2012

दो  छोटे बच्चे एक ५ साल का एक तीन का.. बातें कर रहे थे धीरे धीरे..छोटे ने पूछा "भैया पढाई से बचने केलिए क्या करूँ" नया स्कूल शुरू हुआ था ...
बड़े भई ने कहा उसके कान में.."देख, तू ' सी ए टी 'कैट  से बचना बस. क्यूंकि अगर तुने इसे सीखा तो बहुत कुछ सीखना पड़ेगा..."! "तू अड़ जाना इसी पे...न सीखना मुझे...इसके  बाद बड़े बड़े शब्द आते हैं... सब सीखना होगा फिर.. मैं फंस गया तू मत फंसना "!!!!!!!

सच है न एक चीज़ को  पकड़ो  तो पकड़ शुरू होती है... फिर दूसरी को पकड़ना पड़े... तीसरी को.. सिलसिला  शुरू!!!
एक श्रंखला है....!!!!
 जीना गुजरना अनुभव से... पकड़ना अनुभव थोड़ी है...!!! और हमेशा अनुभव की संभावना क्यूँ....?? जल्दी क्या है ..किसे है पकड़ने की...? और पुनरुक्ति...आकांक्षा  ही मत करो..!!
क्यूंकि इस अभीप्सा के पीछे यही समझ विकसित होती है की हम बंधन में हैं....!!!
मुझे बंधन पसंद नहीं!!!!!!!!!!!!!!! न...... ना... नहीं!!!

No comments:

Post a Comment