Wednesday, January 25, 2012

ख्वाबों की वादियाँ हैं , चाहत की आबादी भी...
जिंदगी कि रंगीनियाँ हैं और लम्हों की आजादी भी...
टूटकर यहीं बिखर जाएँ...
आ हम तुझमे सिमट जाएँ....!!!

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