Wednesday, August 15, 2012


देख तमाशा इस दुनिया का....!
सारे दुःख दर्द जो दिखाई देते हैं, वही गाये जाते हैं....|
बाकी के सब...............?
-उनका तो सुराग भी नहीं मिलता कोई....
और तो और इंसान की अपनी पहचान में भी नहीं आते...|
अच्छे बुरे ठीक बे-ठीक का क्या नापतोल....?
अब तो बस एक अलाव......
एक समिधा.....!
और उस शिखा से उड़ते स्फुलिंग
यहाँ से वहाँ बस गिरते ही  दिखाई देते हैं,
.....कुछ दर्द के अवशेष............!

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