Monday, August 22, 2016

गांधीगिरी

एक साल पहले की बात बताते हैं.... हमारे  फ्लैट के ऊपर वाले फ्लैट में एक फैमिली आई थी...... मोहतरमा के लंबे लंबे सुंदर बाल थे.... वे बालों को बालकॉनी में बनाया करती थीं..... और  टूटे बालों के गुच्छे हमारी बालकॉनी में आते  थे...... कभी कभी बालों के  गुच्छे हमारे कमरे में या रसोई तक आ जाते क्यूंकि ये दोनों खिड़कियाँ बालकॉनी में खुलती थीं..... हमने कई बार वाचमैन से कहलवाया कोई फर्क ना पड़ा  उन्हें........!
एक दिन हमने छोले  बनाये थे और दोस्तों को बुलाया .. उनके आने के पहले हमने सोचा ज़रा चख के  देखे  कोई कमी तो ना रही.... कढाई  का ढक्कन हटाया कि एक मुट्ठी बाल सीधे कड़ाही में.......................!
गुस्सा तो आना ही था................ हम बिना पांव में चप्पल डाले ही नीचे एक गिफ्ट कार्नर में गए एक टेबल डस्टबिन खरीदा और उसमे एक प्यारा सा कार्ड डाल कर नोट लिखा कि..."दीदी...  ये आपके खूबसूरत बालों को संभाल के रखने के लिए.... यूँ बर्बाद ना करिये............"
उसके बाद एक भी बाल ना आये................. :)
आज उस घटना का बर्थडे है.................!
.....................कैसे मनाएं?

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