Tuesday, August 23, 2016

हस्तक्षेप

किसी के किये में हस्तक्षेप करना ही है, तो इस तरह कीजिये कि बाधाएं दूर हों और कोई सार्थक हल निकले।
एक सरलीकृत निष्कर्ष, कोई नीतिगत विकल्प ढूंढा जाना चाहिए। कट्टर और असहिष्णु होने से रस्ते बंद हो जाते हैं।

(जिन्हें इनकी ज़रूरत हो...)

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